सिर पकड़ लेने वाली 5 अजीब प्रथा
मौत के बाद शव के साथ कही डांस करते हैं लोग - कहीं घर में करते हैं अंतिम संस्कार
दुनियाभर में हर दिन अलग-अलग तरह के दिवस मनाए जाते हैं।
26 मार्च को पूरी दुनिया में गुलामी और दास कुप्रथा का अंतरराष्ट्रीय स्मरण
दिवस मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 2008 से की गई थी। दुनिया में तमाम ऐसे देश हैं जहां अलग-अलग तरह की प्रथाएं हैं। कुछ प्रथाएं इतनी विचित्र होती हैं कि आप इन्हें जानकार हैरान हो जाएंगे। कई जगहों पर लाशों को जंगलों में फेक दिया जाता है तो कई जगह पर हर साल लाश को निकालकर उनके साथ डांस करने की प्रथा है। हम आपको कुछ ऐसी ही विचित्र प्रथाओं के बारे में बता रहे हैं जो आपके लिए शॉकिंग हो सकती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये प्रथाएं।
फामाडिहाना की रस्म
जब परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो परिजन उसका अंतिम संस्कार करते हैं। लेकिन अफ्रीकी देश मेडागास्कर में मौत के बाद एक अजीब तरह की रस्म अदा की जाती है। यहां के लोग इस रस्म या प्रथा को फामाडिहाना कहते हैं। इस प्रथा के अनुसार, यहां के लोग अपने परिजनों की लाश को कब्र से बाहर निकालते हैं उन्हें नए कपड़े पहनाते हैं और उनके साथ नाचते गाते हैं। बताया जाता है कि ये लोग ऐसा इसलिए करते हैं कि वो मृतक को एहसास दिलाते हैं कि उनके परिजन आज भी उन्हें याद करते हैं।
फेंके जाते हैं सड़े टमाटर
स्कॉटलैंड के कुछ हिस्सों में शादी के समय अजीब तरह की रस्म आदा की जाती है। यहां शादी से पहले दुल्हे और दुल्हन को एक पेड़ से बांधकर उनके ऊपर गंदी चीजें फेंकी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है ऐसा करने से दुल्हे और दुल्हन को बुरी ताकतों से बचाया जाता है।
मेढ़क की शादी
भारत में भी कई तरह की रीति-रिवाज मनाए जाते हैं। हमारे देश के कई क्षेत्रों में मेंढक और मेंढकी की शादी कराई जाती है। ये शादी बड़े ही धूमधाम के साथ होती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर बारिश नहीं हो रही हो और अकाल पड़ने की स्थिति हो तब मेढ़क और मेढ़की की शादी कराने से अच्छी बारिश होती है। कई इलाकों में इस तरह की प्रताएं होती हैं।
मौत पर रोना नहीं
जब परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो उस परिवार में मातम पसर जाता है। लेकिन इंडोनेशिया में एक अजीब तरह की परंपरा है। इंडोनेशिया के बाली में मरने के बाद लोग आंसू नहीं बहा सकते हैं। इन लोगों को मानना है कि जिस व्यक्ति की मौत हुई है वो अभी सो रहा है और वो जीवत है। इसी कारण से उसके सामने रोने की मनाही रहती है।
घर में ही दफनाए जाते हैं शव
किसी की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार घर से दूर किया जाता है। लेकिन दक्षिणी मैक्सिको के मायन में शवों का अंतिम संस्कार घर में ही किया जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि ऐसा करने से मृतक अपने घर वालों के आस-पास ही रहेगा। एशिया नेट न्यूज
सहारा अब तक आल इंडिया क्राइम रिपोर्टर सर्वेश पांडेय
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